Last updated on : 25 Nov, 2024
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स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए ब्लड शुगर का सामान्य स्तर बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि शुगर लेवल में असंतुलन कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। शुगर का स्तर अचानक से बढ़ना या कम होना मधुमेह (डायबिटीज) का कारण बन सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए, इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है और ब्लड शुगर को स्वस्थ स्तर पर बनाए रखने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
ब्लड शुगर का सामान्य स्तर सभी लोगों के लिए एक जैसा नहीं होता। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे आयु, शरीर की संरचना और जीवनशैली। एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड शुगर स्तर इस प्रकार होता है:
अगर आपका शुगर स्तर इन सीमाओं के बाहर है तो यह अस्वस्थ हो सकता है और इसे नियंत्रण में रखने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इन स्तरों को जानने और समझने से हम मधुमेह को रोक सकते हैं और शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर का स्तर अलग-अलग होता है। यह हमारे शरीर की कार्यप्रणाली का हिस्सा है।
खाली पेट का शुगर स्तर वह होता है जब आप 8 घंटे से कुछ नहीं खाते। यह ब्लड शुगर का वास्तविक स्तर होता है जिससे हमें यह पता चलता है कि शरीर में इंसुलिन ठीक से काम कर रहा है या नहीं। स्वस्थ व्यक्ति के लिए खाली पेट शुगर का स्तर 70-99 mg/dL होना चाहिए। अगर आपका शुगर लेवल इससे अधिक या कम है तो इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
खाने के बाद ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है। स्वस्थ व्यक्ति के लिए खाने के 2 घंटे बाद शुगर का स्तर 140 mg/dL से कम होना चाहिए। भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और शुगर पाचन के बाद ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाते हैं जिससे शुगर लेवल बढ़ता है। यह शुगर धीरे-धीरे हमारे रक्त में घुल जाता है और इंसुलिन द्वारा नियंत्रित होता है। खाने के बाद ब्लड शुगर के स्तर को जानना और उसका ध्यान रखना विशेष रूप से मधुमेह से ग्रस्त लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
उम्र के अनुसार ब्लड शुगर का सामान्य स्तर भिन्न हो सकता है। यह तालिका विभिन्न आयु वर्गों के सामान्य शुगर स्तरों को दर्शाती है ताकि आप अपने स्तर को इसके अनुसार समझ सकें और स्वास्थ्य को सही दिशा में बनाए रख सकें:
उम्र | खाली पेट शुगर लेवल (mg/dL) | खाने के बाद शुगर लेवल (mg/dL) |
20-40 वर्ष | 70-99 | <140 |
41-60 वर्ष | 80-110 | <150 |
60 वर्ष से अधिक | 100-130 | <160 |
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर की कार्यक्षमता में बदलाव आता है और इसके साथ शुगर स्तर को नियंत्रित करने की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। इसीलिए, उम्र के अनुसार ब्लड शुगर के स्तर को समझना महत्वपूर्ण है ताकि उसे नियंत्रण में रखा जा सके और स्वस्थ जीवन का आनंद लिया जा सके।
ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने जरूरी हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और शारीरिक गतिविधि में सुधार करके ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखा जा सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
शुगर में क्या क्या खाना चाहिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ और संतुलित आहार न केवल शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है बल्कि इससे शरीर में ऊर्जा का सही संतुलन बना रहता है। आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल करें। फाइबर से भरपूर आहार जैसे ओट्स, बाजरा और अंकुरित अनाज भी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं। साथ ही, शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए चीनी और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों से बचें।
नियमित व्यायाम ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक है। व्यायाम शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे शुगर तेजी से मेटाबोलाइज होता है। प्रतिदिन 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने से ब्लड शुगर स्तर में सुधार होता है। आप पैदल चल सकते हैं, योग कर सकते हैं या फिर किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि का हिस्सा बन सकते हैं। नियमित वॉक, साइक्लिंग और जॉगिंग भी शुगर नियंत्रण में सहायक होते हैं।
शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है। अत्यधिक वजन से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता घटती है जिससे शुगर का स्तर बढ़ सकता है। वजन घटाने से न केवल शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है बल्कि इससे शरीर की संपूर्ण ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और व्यायाम को अपनाएं।
अगर जीवनशैली में बदलाव से शुगर को नियंत्रित करने में मदद नहीं मिलती है तो डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सेवन करें। यह जरूरी है कि आप समय पर दवाएं लें और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। समय पर दवाओं का सेवन करने से ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है और स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
रोजाना ब्लड शुगर की जाँच करना आवश्यक है। इससे आप अपने शुगर के स्तर पर नजर रख सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि आपके द्वारा अपनाए गए उपाय कितने प्रभावी हैं। एक अच्छे ग्लूकोमीटर का उपयोग करके आप घर पर ही ब्लड शुगर की जाँच कर सकते हैं।
तनाव और चिंता से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। तनाव की स्थिति में शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। इसके लिए नियमित ध्यान, योग और ध्यान-साधना करने से स्ट्रेस कम होता है और ब्लड शुगर का स्तर भी नियंत्रित रहता है। हर दिन कुछ समय रिलैक्स करने के लिए निकालें, गहरी सांस लें और सकारात्मक सोच विकसित करें।
मधुमेह का निदान रक्त की जाँच के माध्यम से किया जाता है। इसके प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
अगर आपको निम्न लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है:
ये लक्षण शुगर के स्तर में असंतुलन का संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके शुगर स्तर में अचानक बदलाव आता है या नियंत्रित नहीं रहता है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर बनाए रखना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसे नियंत्रण में रखने के लिए नियमित आहार, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। सही भोजन का चयन, नियमित जाँच और तनाव को नियंत्रित करके ब्लड शुगर को एक स्वस्थ स्तर पर बनाए रखा जा सकता है। याद रखें, नियमित देखभाल और सही आदतें अपनाने से आप अपने ब्लड शुगर को नियंत्रण में रख सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
50 की उम्र में खाली पेट शुगर स्तर 80-110 mg/dL के बीच होना चाहिए।
सोते समय शुगर स्तर 90-130 mg/dL होना चाहिए।
बिना दवा के शुगर को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और जीवनशैली सुधार से नियंत्रित किया जा सकता है।
चावल में कार्बोहाइड्रेट अधिक होने के कारण शुगर स्तर बढ़ सकता है इसलिए सीमित मात्रा में सेवन करें।
तुरंत शुगर कम करने के लिए फाइबर युक्त आहार जैसे सब्जियाँ और प्रोटीन का सेवन करें।
जब ब्लड शुगर स्तर 300 mg/dL से अधिक हो जाए तो यह खतरनाक हो सकता है।
प्यास अधिक लगना, थकान और बार-बार पेशाब आना महसूस होता है।
डॉक्टर द्वारा शुगर की जाँच से इसका पता लगाया जा सकता है।
कई स्मार्ट उपकरण और ऐप हैं जो ब्लड शुगर की जाँच में सहायक हो सकते हैं।
उबले हुए अंडे, ओट्स और अंकुरित अनाज ब्लड शुगर को संतुलित रखने में सहायक हो सकते हैं।
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