Last updated on : 27 Feb, 2025
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चिकन पॉक्स, जिसे माता या चेचक भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो Varicella-Zoster Virus (VZV) के कारण होता है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले वयस्क भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, हवा में मौजूद वायरस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। इस ब्लॉग में हम चिकन पॉक्स क्या होता है और यह कैसे होता है इसकी चर्चा करेंगे और साथ ही चिकन पॉक्स के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
चिकन पॉक्स वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस से होता है। विषाणु के शिकार से लोगों के शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां होती हैं। यह संक्रमण हवा और खांसी के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंचता है। एक बार जिस व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता है तो उसका इम्यून सिस्टम उस वायरस के प्रति सचेत होता है। जीवन में कभी उसे दोबारा चिकन पॉक्स नहीं होता है। अधिकांश लोग बिना इलाज के चिकन पॉक्स से ठीक हो जाते हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को चिकन पॉक्स का वैक्सीनेशन अनिवार्य है।
चिकन पॉक्स का मुख्य कारण Varicella-Zoster Virus (VZV) नामक वायरस होता है। यह वायरस कई कारणों से फैल सकता है, जैसे:
चिकन पॉक्स के लक्षण काफी आम होते है। इनमें सबसे आम खुजली और लाल धब्बे होते हैं। इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
चेचक के लक्षण दिखने पर डॉक्टर दिखने पर डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों से रोग की पहचान कर सकते हैं:
चिकन पॉक्स का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। चिकनपॉक्स के इलाज के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं:
चिकन पॉक्स की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
चिकन पॉक्स में खुजली और जलन से राहत पाने के लिए नीम के पानी से स्नान करना एक प्रभावी उपाय है। नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए कुछ नीम की पत्तियों को पानी में उबालें और ठंडा होने के बाद उस पानी से स्नान करें। यह त्वचा की जलन को शांत करता है और घाव जल्दी भरने में मदद करता है।
हर्बल टी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और चिकन पॉक्स के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। तुलसी, कैमोमाइल, अदरक और हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल टी पीने से सूजन कम होती है और शरीर को आराम मिलता है। यह संक्रमण को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
कैलामाइन लोशन चिकन पॉक्स के कारण होने वाली खुजली और जलन से राहत देता है। इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और चकत्ते जल्दी ठीक होते हैं। नियमित रूप से लगाने से खुजली कम होती है और संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाता है।
चिकन पॉक्स में खुजली होने पर खरोचने से बचना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे घाव बनने और संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। नाखून छोटे रखें और अगर खुजली ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह लें। खुजली को कम करने के लिए ठंडी पट्टी या मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
चिकन पॉक्स में बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें। पैरासिटामोल जैसी दवाएं सुरक्षित होती हैं लेकिन एस्पिरिन से बचना चाहिए। कोई भी दवा लेने से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है ताकि दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
चिकन पॉक्स के दाग कम करने और त्वचा को पोषण देने के लिए नारियल तेल, विटामिन E तेल या एलोवेरा जेल का उपयोग करें। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं और तेजी से घाव भरने में मदद करते हैं। दिन में दो बार लगाने से खुजली और जलन में भी राहत मिलती है।
चिकन पॉक्स के समय निम्नलिखित पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे कि बेहतर रिकवरी हो पाए:
चेचक के दौरान निम्नलिखित पदार्थों से परहेज करना आवश्यक है:
चिकन पॉक्स वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह काफी गंभीर हो सकता है। चिकन पॉक्स वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाला एक बहुत संक्रामक संक्रमण होता है। चिकन पॉक्स का सबसे आम लक्षण तरल पदार्थ से भरे फफोले के साथ खुजलीदार लाल दाने होते है। चिकन पॉक्स से खुद को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है।
चिकन पॉक्स का मुख्य कारण है वाइरस संक्रमण – वेरिकोला जोस्टर वाइरस (VZV)
चिकन पॉक्स में जल्दी आराम के लिए त्वचा को ठंडे पानी से साफ रखें, नीम की पत्तियों का उपयोग करें और डॉक्टर की सलाह से दवा लें। खुजली से बचने के लिए कैलामाइन लोशन लगाएं और अधिक पानी पिएं।
यह आमतौर पर 5-10 दिनों तक रहता है लेकिन गंभीर स्थिति में यह 10-21 दिनों तक भी अपना असर रखता है।
चेचक ठीक करने का सबसे कारगर तरीका होता है इसका टीकाकरण। जिससे यह दोबारा नहीं हो पाता है।
चिकन पॉक्स के दाग आमतौर पर 1 से 2 हफ्तों में हल्के होने लगते हैं लेकिन पूरी तरह मिटने में कुछ महीनों तक लग सकते हैं।
हाँ, हम चिकन पॉक्स के दौरान दूध पी सकते हैं।
गरम पानी से स्पंज बाथ (कपडे से पोछना ) ले सकते है।
हां , चिकन पॉक्स एक संचारित रोग है इससे संक्रमित रोगी के सम्पर्क में आने से फ़ैल सकता है।
चेचक दर्दनाक नहीं होता है। इसमें खुजली और धब्बे की परेशानी होती है।
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