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प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण, कारण और इलाज क्या है?

Last updated on : 27 Jan, 2025

Read time : 9 min

जब किसी व्यक्ति के प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है , तब इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। यह स्थिति हल्की से गंभीर तक हो सकती है, जो इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करती है। कई बार प्लेटलेट्स के लक्षण नज़र नहीं आते है। लेकिन ज्यादा दिन तक ध्यान न देने पर समस्या गंभीर हो जाती है जिसमे  अनियंत्रित रक्तस्राव से मृत्यु हो सकती है।

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया गर्भावस्था, ल्यूकेमिया जैसी चिकित्सीय स्थितियों या कुछ दवाओं (जैसे रक्त पतले करने वाले) जैसे कई कारकों के कारण हो सकता है। इसके परिणास्वरूप सबसे बड़ा प्रश्न ये आता है की प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं जाए। प्लेटलेट्स को कैसे बढ़ाए – इस गुत्थी को सुलझाने  के लिए कई विकल्प उपलब्ध है – व्यक्ति दर  व्यक्ति भिन्न होते है। 

प्लेटलेट्स क्या होता है? (What are Platelets in Hindi?)

प्लेटलेट्स हमारे शरीर में बहुत छोटे-छोटे कण होते हैं, जो रक्त में तैरते रहते हैं। इनका मुख्य काम होता है, खून बहने को रोकना और शरीर के किसी भी घाव को भरने में मदद करना। जब हमें कहीं चोट लगती है, तो प्लेटलेट्स एक साथ इकट्ठे होकर एक जाल जैसी संरचना बनाते हैं, जो खून के बहाव को रोकती है और घाव को भरने में मदद करती है। ये रक्त के अन्य घटकों जैसे लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के साथ मिलकर काम करते हैं। प्लेटलेट्स को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता,  प्लेटलेट्स की संख्या, रक्त परीक्षण के माध्यम से ही पता लगाई जा सकती है। 

होमियोस्टेसिस शब्द का उपयोग आमतौर पर शरीर के आंतरिक वातावरण को स्थिर बनाए रखने की प्रक्रिया को दर्शाता है, न कि केवल प्लेटलेट्स के लिए।

नार्मल प्लेटलेट्स कितनी होनी चाहिए? (Normal Platelet Count in Hindi)

नॉर्मल प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 प्लेटलेट्स se 4,50,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर खून में होता है . यदि प्लेट्लेट्स की संख्य 1,50,000 से कम है तो इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के नाम से जानते हैं और यदि प्लेटलेट्स की संख्या 4,50,000 से ज्यादा है तो यह स्थिति थ्रोम्बोसाइटोसिस कहलाती है। यदि आप अपना प्लेटलेट्स काउंट जानना चाहते हैं, तो आपको सीबीसी टेस्ट कराना होता है, जिसे कम्पलीट ब्लड काउंट के नाम से जानते हैं।

प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण (Symptoms of Platelet Deficiency in Hindi)

प्लेटलेट्स कम होने के कारण के साथ साथ इसके कई और भी कारण हो सकते हैं, जैसे- खून में बैक्टीरियल इंफेक्शन, बोन मैरो की समस्या, गर्भावस्थ, इत्यादि। प्लेट्स कम होने के लक्षण निम्नलिखित  हैं:-

  • किसी भी छोटे घाव या कट का गंभीर हो जाना
  • लंबे समय तक घावों से खून बहना
  • त्वचा पर छोटे-छोटे रैशेज होना
  • नाक से खून बहना 
  • मसूड़ों  से खून  का आना
  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून बहना 
  • मल त्याग के दौरान खून आना
  • यूरिन में खून आना

प्लेटलेट्स डाउन होने के कारण (Causes of Platelet Deficiency in Hindi)

प्लेटलेट्स कम होने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:-

  • आयरन की कमी: शरीर में आयरन की कमी से प्लेटलेट्स का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
  • ल्यूकेमिया: यह एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है, जिससे प्लेटलेट्स का उत्पादन कम हो सकता है।
  • सिरोसिस: यह लीवर की एक गंभीर बीमारी है जो प्लेटलेट्स को नष्ट कर सकती है।
  • चिकनपॉक्स: यह एक संक्रामक बीमारी है जो प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती है।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
  • एचआईवी एड्स: यह एक वायरल संक्रमण है जो प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करता है और प्लेटलेट्स को प्रभावित कर सकता है।
  • फोलेट की कमी: फोलेट एक महत्वपूर्ण विटामिन है जो रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। इसकी कमी से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।

प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार खाद्य पदार्थ (Foods that Help Increase Platelets in Hindi)

डॉक्टरों से परामर्श के दौरान वह आपको प्लेटलेट्स कम होने के लक्षणों को साझा करेंगे। डेंगू या कई ऐसी बीमारियां होती है जिसमें प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर सप्लीमेंट्स के साथ प्लेटलेस्ट कम होने पर क्या खाएं यह भी बता देते है। आइये जानत है किन खाद्य पदार्थो की मदद से प्लेटलेट्स को बढ़ाया जाए : 

1. पपीते के पत्तों का रस

प्लेटलेट काउंट बढ़ाने वाले फलों की सूची में सबसे ऊपर पपीता है, खास तौर पर पपीते के  पत्तों का अर्क। पपीते में सूजनरोधी गुण और टैनिन और एल्कलॉइड जैसे फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स होते हैं जो रक्त कोशिका निर्माण में सहायता करते हैं और प्लेटलेट काउंट बढ़ाते हैं।

2. कीवी फल

विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ  कीवी पोटैशियम का भी एक बेहतरीन स्रोत है।  डेंगू से पीड़ित लोगों के लिए यह फल बहुत मददगार हो सकता है क्योंकि यह प्लेटलेट काउंट को बढ़ाता है और शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।

3. अनार का सेवन

खून की कमी से बचने के लिए लोग अक्सर अनार का सेवन करते हैं। इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाई जाती है। जो आपके प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ प्लेटलेट्स काउंट को भी बढ़ाती है। आप अनार को डायरेक्ट खा सकते हैं या इसके जूस का भी सेवन कर सकते हैं।

4. चुकंदर और गाजर का रस

चुकंदर में आयरन और फोलेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो रक्त निर्माण के लिए जरूरी है। वहीं, गाजर में विटामिन ए होता है जो आंखों के लिए अच्छा होता है। दोनों ही सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो शरीर को कई बीमारियों से बचाती हैं। यह रस प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

5. बकरी के दूध का सेवन

बकरी का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है।

6. नारियल पानी

नारियल पानी एक प्राकृतिक पेय है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं।  यह सबसे बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंटमन जाता है। 

7. अदरक और तुलसी का काढ़ा

अदरक और तुलसी का काढ़ा एक प्राकृतिक औषधि है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जबकि तुलसी में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। जिससे प्लेटलेट्स बढ़ने के उपाय में भी गिना जाता है। 

8. ड्राई फ्रूट्स

ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट आदि में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।

9. मेथी के बीज

मेथी के बीज में कई औषधीय गुण होते हैं। ये पाचन को बेहतर बनाने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और वजन कम करने में मदद करते हैं। मेथी के बीजों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं।

10. एलोवेरा जूस

क्लिनिकल रिसर्च में बताया गया है कि एलोवेरा का जूस एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है जो रक्त शर्करा और रक्त लिपिड को कम करने में मदद करता है। इसका आपके रक्त में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने पर समग्र प्रभाव पड़ता है।

11. नींबू पानी और आंवला

निम्बू पानी और आंवला दोनों ही विटामिन C के सबसे उच्तम कारक है।  दिन में एक चम्मच अमला जूस पीने से रक्त प्रवाह नियंत्रित रहता है और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।  जिसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट्स में बढ़त होती है। 

12. हरी पत्तेदार सब्जियाँ

केला , पालक और शतावरी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियाँ प्लेटलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं क्योंकि इनमें फोलेट एसिड होता है। फोलेट एसिड कम प्लेटलेट काउंट से लड़ने और शरीर में स्वस्थ कोशिका विभाजन को बढ़ावा देकर इसे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

निष्कर्ष

संतुलित आहार और डॉक्टर से परामर्श लेकर प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए, फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन महत्वपूर्ण है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्लेटलेट्स को तेजी से कैसे बढ़ाएं?

संतुलित आहार लेना और नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श आपका सबसे पहले उत्त्तर है – प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं जाएँ के लिए । हरी पत्तेदार सब्जियां, फल (खासकर पपीता, अनार, कीवी), दालें, और मेवे प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।

कौन सा फल तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ाता है?

पपीता प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके पत्तों का रस भी काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा, अनार, कीवी, और संतरा भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।

बुखार में प्लेट डाउन हो जाए तो क्या करें?

बुखार में प्लेटलेट्स कम होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार दवाएं और आहार संबंधी सुझाव देंगे। घर पर आप हाइड्रेटेड रहें, हल्का और पौष्टिक भोजन लें, और आराम करें।

प्लेटलेट्स कम होने पर क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

प्लेटलेट्स कम होने पर कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। इनमें अत्यधिक तली-भुनी चीजें, जंक फूड, शराब, और कच्ची सब्जियां शामिल हैं।

कीवी फल खाने से प्लेटलेट बढ़ता है क्या?

जी हाँ , कीवी खाने से प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद मिलती हैं।

कौन सा दूध प्लेटलेट्स बढ़ाता है?

आमतौर पर किसी विशेष प्रकार का दूध प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने के लिए नहीं जाना जाता। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा होता है।

क्या 60,000 प्लेटलेट काउंट ठीक है?

प्लेटलेट्स की सामान्य रेंज व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर होती है। 60,000 काउंट सामान्य रेंज से कम है।

Normal plates कितनी होनी चाहिए?

प्लेटलेट्स की सामान्य संख्या 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर होती है।

प्लेटलेट्स कम होने पर क्या आपको कमजोरी महसूस होती है?

हां, प्लेटलेट्स कम होने से आपको कमजोरी महसूस हो सकती है। कमजोरी प्लेटलेट्स कम होने का एकमात्र लक्षण नहीं है। अन्य लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, नाक से खून आना, मसूड़ों से खून आना और आसानी से चोट लगना शामिल हैं।

प्लेटलेट्स कम होने का मुख्य कारण क्या है?

प्लेटलेट्स कम होने के कारणों में संक्रमण, दवाओं का सेवन, बोन मेरो की बीमारियां, ऑटोइम्यून रोग, और विटामिन व खनिजों की कमी शामिल हैं, जो प्लेटलेट्स के उत्पादन को प्रभावित करते हैं।

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