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डेंगू के कारण, लक्षण, निदान और इलाज (Dengue Causes, Symptoms, Diagnosis, and Treatment in Hindi)

Last updated on : 18 Nov, 2024

Read time : 9 min

डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षणों पर अगर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। यह बीमारी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ही पाई जाती है, जिसमें भारत भी शामिल है। डेंगू बुखार की गंभीरता हल्की से लेकर जानलेवा हो सकती है। इस ब्लॉग में हम डेंगू के लक्षण, इसके फैलने के कारण, निदान और इसके प्रभावी उपचार के बारे में जानेंगे। 

डेंगू बुखार क्या है? (Dengue Fever in Hindi)

डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो एडीज इजिप्टी मच्छर द्वारा फैलाया जाता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय, खासकर सुबह और शाम के समय काटता है। डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं – डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 । एक बार डेंगू होने के बाद व्यक्ति उस वायरस से जीवनभर के लिए प्रतिरक्षित हो जाता है लेकिन अन्य प्रकार के डेंगू वायरस से संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। बार-बार डेंगू होने पर स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है जिसे गंभीर डेंगू के रूप में जाना जाता है।

डेंगू के प्रकार (Dengue Types in Hindi)

डेंगू मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:

  1. सामान्य डेंगू बुखार 

यह डेंगू का सबसे सामान्य रूप है जिसमें बुखार के साथ हल्के लक्षण होते हैं। इसमें मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते हैं। यह स्थिति आमतौर पर 7-10 दिनों के भीतर ठीक हो जाती है और सही देखभाल से मरीज तेजी से स्वस्थ हो सकता है।

  1. गंभीर डेंगू 

इस प्रकार के डेंगू में लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं और मरीज के प्लेटलेट्स (रक्त कणिकाओं) की संख्या में तेजी से गिरावट आ जाती है। इससे शरीर के अंदरूनी अंगों में रक्तस्राव का खतरा होता है जो कि मरीज की जान को खतरे में डाल सकता है। इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी हो जाता है।

  1. डेंगू शॉक सिंड्रोम 

यह डेंगू का सबसे खतरनाक रूप है। इसमें रक्तचाप का तेजी से गिरना, शरीर में पानी की कमी और अंगों का काम करना बंद कर देना जैसे गंभीर लक्षण होते हैं। डेंगू शॉक सिंड्रोम जीवन के लिए खतरा बन सकता है और इसे तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।

डेंगू कैसे फैलता है 

डेंगू का वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। जब मच्छर किसी डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में आ जाता है। इसके बाद जब वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है। डेंगू कैसे होता है, इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से।
  2. यह मच्छर दिन के समय काटता है खासकर सुबह और शाम के समय।
  3. मच्छर ज्यादा साफ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं जैसे कि बर्तन, कूलर, पौधों के गमले, टायर आदि।

डेंगू बुखार के लक्षण (Dengue Symptoms in Hindi)

डेंगू के लक्षण संक्रमण के 4-10 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। शुरुआत में ये लक्षण आम फ्लू या वायरल बुखार जैसे लग सकते हैं लेकिन समय के साथ ये लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। डेंगू के लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. तेज बुखार (104°F या उससे अधिक)
  2. सिरदर्द, खासकर आंखों के पीछे दर्द।
  3. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (इसे ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहा जाता है)
  4. त्वचा पर लाल चकत्ते (रैशेज)
  5. मतली और उल्टी
  6. थकान और कमजोरी
  7. गले में खराश और हल्की खांसी
  8. गंभीर मामलों में आंतरिक रक्तस्राव और प्लेटलेट्स की संख्या में कमी।

डेंगू की पहचान कैसे की जाती है? (Dengue Diagnosis in Hindi)

डेंगू की पहचान करने के लिए डॉक्टर कई परीक्षणों का सहारा लेते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि मरीज को डेंगू ही है और उसके लक्षणों के आधार पर उचित इलाज किया जा सके। डेंगू की पहचान के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. रक्त परीक्षण : इस परीक्षण से मरीज के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या और सफेद रक्त कणिकाओं की स्थिति का पता चलता है।
  2.  एलीसा (ELISA) टेस्ट: इस परीक्षण के जरिए मरीज के रक्त में डेंगू वायरस के एंटीजन की मौजूदगी की पहचान की जाती है।
  3. NS1 एंटीजन टेस्ट: डेंगू वायरस के शुरुआती चरणों में इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है ताकि मरीज को तुरंत इलाज मिल सके।
  4. IgM और IgG एंटीबॉडी टेस्ट: यह परीक्षण डेंगू के संक्रमण के चरण का निर्धारण करने में मदद करता है।

डेंगू बुखार का इलाज कैसे किया जाता है? (Dengue Treatment in Hindi)

डेंगू के इलाज के लिए अभी तक कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों का प्रबंधन और मरीज की देखभाल पर आधारित होता है। डेंगू के इलाज में निम्नलिखित उपचार शामिल होते हैं:

  1. बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल: यह दवा बुखार को कम करने और मांसपेशियों में दर्द को आराम देने के लिए दी जाती है। लेकिन एस्पिरिन और इबुप्रोफेन से बचना चाहिए क्योंकि ये रक्तस्राव का खतरा बढ़ाते हैं।
  2. तरल पदार्थों का सेवन: डेंगू के दौरान शरीर में पानी की कमी को रोकने के लिए तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। नारियल पानी, ओआरएस और फलों का रस लेना फायदेमंद होता है।
  3. गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की निगरानी: अगर मरीज के प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है तो डॉक्टर प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह देते हैं।
  4. प्लाज्मा या रक्त आधान: गंभीर डेंगू के मामलों में शरीर में रक्त और प्लाज्मा की कमी को पूरा करने के लिए अस्पताल में यह प्रक्रिया की जाती है।

डेंगू बुखार के जोखिम कारक (Risk Factors for Dengue Fever in Hindi)

डेंगू के कुछ जोखिम कारक होते हैं जिनसे इस बीमारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। निम्नलिखित कुछ ऐसे कारक हैं जो डेंगू का खतरा बढ़ा सकते हैं:

  1. उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहना: इन क्षेत्रों में मच्छरों की संख्या काफी मात्रा में पाई जाती है क्योंकि यह क्षेत्र मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल स्थिति प्रदान करते हैं।  
  2. संक्रमित क्षेत्रों में यात्रा करना: यदि आप ऐसे क्षेत्रों में यात्रा करते हैं जहां डेंगू का प्रकोप है तो संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
  3. खुले में पानी इकट्ठा होना: घर या आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा होने से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
  4. इम्यून सिस्टम का कमजोर होना: कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग डेंगू के संक्रमण से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
  5. पहले से संक्रमित होना: यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हुआ हो तो उसके लिए पुनः संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
  6. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उन्हें अधिक खतरा होता है। 

डेंगू से बचाव के उपाय (Prevention of Dengue Fever in Hindi)

डेंगू से बचाव के लिए कई सावधानियां अपनाई जा सकती हैं। डेंगू से बचने के कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. मच्छरदानी का प्रयोग करें: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें खासकर उन क्षेत्रों में जहां मच्छरों का खतरा अधिक होता है।
  2. मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें: मच्छर से बचने के लिए त्वचा पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
  3. शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें: मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरे कपड़े पहनें।
  4. घर और आसपास के क्षेत्र को साफ रखें: कूलर, टायर, गमलों में जमा पानी को साफ करें ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले।
  5. कीटनाशकों का छिड़काव करें: घर के अंदर और आसपास के क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव करें।

डेंगू के दौरान खानपान

डेंगू के दौरान सही खानपान मरीज के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है। डेंगू के दौरान निम्नलिखित आहार लेना फायदेमंद होता है:

  1. पपीता के पत्तों का रस: यह प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है।
  2. नारियल पानी: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए नारियल पानी फायदेमंद होता है।
  3. संतरे का रस: यह विटामिन C से भरपूर होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
  4. दाल और सब्जियों का सूप: ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और कमजोरी दूर करने में सहायक होते हैं।
  5. खट्टे फल: खट्टे फलों में विटामिन C की मात्रा अधिक होती है जो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

डेंगू एक गंभीर बीमारी है लेकिन समय पर लक्षणों की पहचान और उचित इलाज से इससे बचाव और स्वस्थ होना संभव है। डेंगू के लक्षण पहचानने, सही निदान और सावधानी बरतने से आप डेंगू से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। सावधान रहें, साफ-सफाई बनाए रखें और डेंगू से बचने के उपाय अपनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

डेंगू बुखार का पहला संकेत क्या है?

डेंगू का पहला संकेत आमतौर पर तेज बुखार और आंखों के पीछे दर्द होता है।

डेंगू को जल्दी कैसे ठीक करें?

तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, पेरासिटामोल लें और डॉक्टर से परामर्श लें।

डेंगू कितने दिन में ठीक हो जाता है?

डेंगू आमतौर पर 7-10 दिनों में ठीक हो जाता है।

डेंगू कब खतरनाक होता है?

डेंगू खतरनाक तब होता है जब प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है और आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू में कितनी प्लेट होनी चाहिए?

डेंगू में सामान्य प्लेटलेट्स संख्या 150,000 से अधिक होनी चाहिए।

डेंगू में क्या नहीं खाना चाहिए?

तली-भुनी और भारी खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि यह पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते

कौन सा फल तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ाता है?

पपीता और इसके पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार होते हैं।

डेंगू का लास्ट स्टेज क्या है?

डेंगू का अंतिम चरण डेंगू शॉक सिंड्रोम होता है जो जानलेवा हो सकता है।

क्या डेंगू में नहाना चाहिए?

डेंगू में हल्के गर्म पानी से नहाना ठीक है लेकिन ठंडे पानी से बचना चाहिए।

डेंगू में खुजली क्यों होती है?

डेंगू में त्वचा पर लाल चकत्ते और खुजली आम लक्षण होते हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया होती है।

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