Last updated on : 25 Mar, 2025
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क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके कान में खुजली हो रही है और आप इसे बार-बार खुरचने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह आराम नहीं देती? कान में खुजली होना एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। हालांकि यह आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होती, फिर भी कभी-कभी यह असहज और परेशान करने वाली हो सकती है। कान में खुजली के कई कारण हो सकते हैं और यह स्थिति तब और भी अधिक परेशान करती है जब हमें समझ नहीं आता कि इसके पीछे का असल कारण क्या है। इस ब्लॉग में हम कान में खुजली के कारणों, बचाव उपायों और घरेलू उपचारों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे ताकि आप इस समस्या से निजात पा सकें।
कान में खुजली की समस्या बहुत आम है और इसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। जानिए वे कारण जो आमतौर पर कान में खुजली का कारण बनते हैं:
1. मैल (Earwax) का जमाव: कान के अंदर मोल्ड, बैक्टीरिया या सूजन से बचने के लिए हमारी शरीर स्वाभाविक रूप से earwax का निर्माण करता है। हालांकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। कभी-कभी यह मैल ज्यादा जमा हो जाता है और कान के अंदर खुजली होने का कारण बनता है। जब यह मैल कान के अंदर फंसा रहता है तो खुजली और असुविधा हो सकती है।
2. त्वचा रोग: कान के आस-पास की त्वचा में विभिन्न त्वचा रोगों का प्रभाव भी खुजली का कारण बन सकता है। अत्यधिक सूखापन, एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याएं कान में खुजली पैदा कर सकती हैं। जब इन स्थितियों में त्वचा जलन या सूजन का कारण बनती है तो खुजली की समस्या उत्पन्न होती है।
3. फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण: कान के अंदर फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण भी खुजली का एक प्रमुख कारण हो सकता है। जब कान में नमी रहती है तो बैक्टीरिया और फंगस आसानी से पनप सकते हैं जिससे कान में खुजली और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4. एलर्जी: कान में खुजली का एक और सामान्य कारण एलर्जी है। कई लोग धूल, धूप, पराग या कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से एलर्जी का शिकार होते हैं। एलर्जी के कारण शरीर में हिस्टमाइन रिलीज होता है जो त्वचा में सूजन और खुजली का कारण बनता है। कान के आसपास की त्वचा भी इस एलर्जी से प्रभावित हो सकती है।
5. सूखे कान: सूखे कानों में खुजली का अनुभव भी काफी सामान्य है। जब कान की त्वचा में पर्याप्त नमी नहीं होती, तो यह शुष्क हो जाती है और खुजली पैदा करती है। इसके अलावा, सूखी त्वचा के कारण कान में दरारें भी पड़ सकती हैं जिससे खुजली और जलन होती है।
कान में खुजली को ठीक करने के लिए कई प्राकृतिक और घरेलू उपचार उपलब्ध हैं। इन उपायों का इस्तेमाल करके आप आराम पा सकते हैं और कान की समस्याओं को बिना किसी साइड इफेक्ट के ठीक कर सकते हैं। नीचे कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जिनके इस्तेमाल से कान में खुजली होना काफी काम हो सकता है:
गर्म पानी का उपयोग कान की खुजली को शांत करने के लिए किया जा सकता है। एक साफ कपड़े में गर्म पानी को भिगोकर कान के बाहरी हिस्से पर हलके से दबाव डालें। यह सूजन को कम करता है और खुजली को शांत करता है।
गर्म पानी से मसाज करने से रक्त संचार में भी सुधार होता है जिससे त्वचा की प्राकृतिक नमी बनाए रखने में मदद मिलती है।
गरम तेल, जैसे कि नारियल तेल या जैतून का तेल, कान की खुजली को कम करने के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। गर्म तेल को कान में धीरे-धीरे डालें और फिर हल्के से मालिश करें। यह कान की त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और सूखापन को दूर करता है। इसके अलावा, यह संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकता है।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड कान में जमा हुए मैल को तोड़ने के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह कान में जमे earwax को नरम करता है और उसे बाहर निकालने में मदद करता है जिससे खुजली की समस्या कम हो जाती है।
आप इसे पानी में मिलाकर कान में डाल सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल सावधानी से करें।
सेब के सिरके में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कान के संक्रमण और खुजली को दूर करने में मदद करते हैं। एक कप पानी में कुछ बूंदें सेब का सिरका डालकर कान में डालें। यह न केवल खुजली को कम करेगा बल्कि बैक्टीरिया और फंगस से भी बचाएगा।
एलोविरा के जेल का उपयोग कान की खुजली और सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। यह त्वचा को ठंडक पहुंचाता है और खुजली को आराम देता है। एलोविरा का जेल कान में डालने से न केवल राहत मिलती है बल्कि यह त्वचा की मरम्मत भी करता है।
लहसुन का तेल कान की खुजली के लिए एक प्राचीन और प्रभावी उपाय है। यह कान में संक्रमण को ठीक करने के साथ-साथ सूजन और खुजली को भी कम करता है। आप तेल में लहसुन के लौंग को उबालकर उसे कान में डाल सकते हैं।
अदरक का रस एक प्रभावी घरेलू उपचार है क्योंकि इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका रस कान में डालने से खुजली और सूजन में आराम मिलता है।
तुलसी का रस कान में खुजली और संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कान की त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
नारियल या जैतून के तेल का इस्तेमाल कान की त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए किया जा सकता है। यह तेल कान की अंदरूनी त्वचा को नमी प्रदान करता है और सूखापन को रोकता है।
कान की खुजली से बचाव के लिए कुछ आसान उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं। सबसे पहले, कानों को साफ और सूखा रखें लेकिन अधिक सफाई से बचें क्योंकि यह कान की प्राकृतिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है। एलर्जी से बचने के लिए एलर्जिक ट्रिगर्स से दूर रहें और यदि आवश्यक हो तो एंटीहिस्टामाइन दवाओं का सेवन करें। सूखे कानों से बचने के लिए मॉइस्चराइजिंग उत्पादों का उपयोग करें। इसके अलावा, कान में अत्यधिक तेल या अन्य पदार्थों का प्रयोग न करें ताकि संक्रमण और अन्य समस्याओं से बचाव हो सके।
अगर कान में खुजली के साथ दर्द, सूजन या सुनने में कठिनाई हो तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है कि कान में संक्रमण है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। अगर घरेलू उपचारों से राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
कान की खुजली को कम करने के लिए गरम पानी, तेल या सेब का सिरका जैसे घरेलू उपायों का इस्तेमाल करें। अगर समस्या बनी रहती है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
यह कान में मैल का जमाव, एलर्जी, सूखापन या संक्रमण के कारण हो सकता है।
यह त्वचा के सूखने, संक्रमण या एलर्जी का संकेत हो सकता है।
बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए ड्रॉप का इस्तेमाल करें।
यह कान को मॉइस्चराइज करता है और संक्रमण से बचाव करता है।
डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयाँ सबसे प्रभावी होती हैं।
गर्म तेल, सेब का सिरका और एलोविरा प्रभावी घरेलू उपाय होते हैं।
कान में बैक्टीरिया या फंगस के कारण संक्रमण हो सकता है जो नमी वाले वातावरण में पनपते हैं।
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