Last updated on : 24 Mar, 2025
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मुलेठी जिसे Licorice भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक हर्ब है जो अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण भारत और अन्य देशों में प्राचीन काल से उपयोग में लाई जाती है। यह एक मीठी और पौष्टिक जड़ी-बूटी है जो न केवल स्वाद में मीठी होती है बल्कि इसके औषधीय गुण भी अत्यधिक प्रभावशाली हैं। इस ब्लॉग में हम मुलेठी के फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह भी देखेंगे कि मुलेठी को किस प्रकार से अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाया जा सकता है।
मुलेठी का वैज्ञानिक नाम Glycyrrhiza glabra है और यह पौधा मुख्य रूप से मध्य एशिया और भूमध्य सागर के क्षेत्रों में पाया जाता है। मुलेठी की जड़ को औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है जो मीठा स्वाद प्रदान करती है और शरीर को आवश्यक पोषण और उपचार देती है। मुलेठी का उपयोग आयुर्वेद में हजारों वर्षों से होता आ रहा है। इसकी जड़ों में कई प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य लाभकारी तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
मुलेठी का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है जैसे कि काढ़ा, चाय, पाउडर या ताजे रस के रूप में। इसका सेवन शरीर के विभिन्न अंगों की सेहत को सुधारने के लिए किया जाता है। मुलेठी खाने के निम्नलिखित फायदे होते हैं:
मुलेठी सिरदर्द और माइग्रेन के इलाज के लिए एक बेहतरीन उपाय है। इसका सेवन मस्तिष्क में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और नसों को शांत करता है जिससे सिरदर्द में राहत मिलती है। मुलेठी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं और यह सिरदर्द के कारणों को दूर करने में भी सहायक है।
मुलेठी बालों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। यह बालों को मजबूत बनाती है और बालों के झड़ने को रोकने में मदद करती है। मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बालों की जड़ों को पोषित करते हैं जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं। इसके अलावा, मुलेठी का तेल बालों की खाल को सुरक्षित रखता है और बालों के डैमेज को कम करता है।
माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए मुलेठी का सेवन बहुत फायदेमंद है। यह दिमाग की नसों को शांत करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है जिससे माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है। इसके अलावा मुलेठी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं जो माइग्रेन के दर्द का मुख्य कारण होते हैं।
मुलेठी बालों के सफ़ेद होने की समस्या को रोकने में मदद करती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से बचाते हैं। यह बालों के काले रंग को बनाए रखने में मदद करती है और बालों को अधिक मजबूत बनाती है। मुलेठी का तेल बालों की जड़ों में मसाज करके इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से बालों के सफ़ेद होने की समस्या कम हो सकती है।
मुलेठी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। यह आंखों की सूजन और जलन को कम करती है। मुलेठी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, मुलेठी आंखों में होने वाली सूजन, लालिमा और खुजली को भी शांत करती है।
कंजक्टीवाइटिस, जिसे आंखों की एलर्जी या “आंख आना” कहा जाता है, में मुलेठी बहुत लाभकारी होती है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों की सूजन और जलन को कम करते हैं। इसे काढ़ा बनाकर आंखों में डालने से आराम मिल सकता है।
आंखों में सफ़ेद धब्बे (जिसे Leukoma कहा जाता है) का इलाज करने में भी मुलेठी लाभकारी है। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों के भीतर के सेल्स की रक्षा करते हैं और इन धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। मुलेठी का नियमित सेवन आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
मुलेठी कान के रोगों के इलाज में भी मदद करती है। यह पित्त दोष के कारण होने वाली कान की समस्याओं को ठीक करने में सहायक है। इसके सेवन से कानों में दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। मुलेठी का काढ़ा बनाने और उसे कानों में डालने से राहत मिलती है।
मुलेठी नाक से संबंधित रोगों के इलाज में मदद करती है। यह नाक के अंदर की सूजन को कम करती है और नाक की बंदी को दूर करती है। इसे शहद के साथ सेवन करने से सर्दी जुकाम और एलर्जी में राहत मिलती है।
मुंह के छालों के इलाज के लिए मुलेठी बहुत फायदेमंद है। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह के छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं और दर्द को कम करते हैं। आप मुलेठी का पानी माउथवॉश के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गला बैठने या आवाज का बैठ जाना एक सामान्य समस्या है लेकिन मुलेठी इस समस्या में भी सहायक होती है। इसके सेवन से गले की सूजन कम होती है और आवाज में राहत मिलती है। मुलेठी को शहद के साथ खाने से गले की सूजन में विशेष राहत मिलती है।
मुलेठी खांसी और सूखी खांसी में भी बहुत लाभकारी है। यह गले को ठंडक देती है और सूखी खांसी को शांत करती है। इसके सेवन से श्वसन तंत्र में सुधार होता है और खांसी में आराम मिलता है।
हिचकी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए मुलेठी का सेवन बहुत प्रभावी होता है। यह पेट की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाती है और हिचकी को रोकने में मदद करती है।
मुलेठी श्वसन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन समस्याओं में राहत देती है। इसके नियमित सेवन से श्वसन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है और सांस लेने में सुधार होता है।
मुलेठी का सेवन दिल के रोगों में भी मदद करता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाती है और हृदय संबंधी समस्याओं को कम करती है। इसके सेवन से दिल की सेहत में सुधार होता है।
मुलेठी पेट के अल्सर के इलाज में सहायक होती है। यह पेट में सूजन को कम करती है और अल्सर को जल्दी ठीक करती है। मुलेठी का नियमित सेवन पेट की सेहत को बनाए रखता है।
मुलेठी पेट दर्द को दूर करने में भी मदद करती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट की सूजन को कम करते हैं और दर्द को आराम देते हैं।
मुलेठी का सेवन पेट फूलने की समस्या को कम करता है। यह पेट की गैस और सूजन को नियंत्रित करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
मुलेठी का सेवन उल्टी के दौरान खून आने की समस्या को रोकने में सहायक होता है। इसके सेवन से पेट में जलन और सूजन कम होती है जिससे खून आना रुक जाता है।
मुलेठी खून की कमी (एनीमिया) में भी लाभकारी होती है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाती है और खून की कमी को दूर करती है।
मुलेठी मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) में भी लाभकारी है। यह मूत्र में जलन और संक्रमण को कम करने में मदद करती है।
मुलेठी का सेवन स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह दूध उत्पादन को बढ़ाता है और स्तनपान में मदद करता है।
मुलेठी माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करने में सहायक होती है। यह रक्तस्राव को कम करने में मदद करती है और शरीर को आराम देती है।
मुलेठी घाव और अल्सर के दर्द को कम करती है। इसके सेवन से घाव जल्दी ठीक होते हैं और दर्द में राहत मिलती है।
मुलेठी शरीर की कमजोरी को दूर करती है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और थकान को कम करती है।
मुलेठी शरीर की दुर्गंध को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से शरीर की अंदरूनी सफाई होती है और बदबू कम होती है।
मुलेठी मिरगी (एपिलेप्सी) के इलाज में भी लाभकारी होती है। यह मस्तिष्क के कार्यप्रणाली को संतुलित करती है और मिरगी के दौरे को कम करती है।
मुलेठी यौन क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। यह शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है और यौन शक्ति में सुधार करती है।
मुलेठी की खुराक व्यक्ति की समस्या और उम्र के अनुसार बदल सकती है। आमतौर पर मुलेठी का पाउडर 1-2 ग्राम प्रतिदिन लिया जा सकता है। इसे किसी चिकित्सक के परामर्श के बिना अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
मुलेठी एक अत्यंत प्रभावी हर्ब है जो शरीर की सेहत के लिए कई लाभकारी गुण प्रदान करती है। यह न केवल शारीरिक रूप से हमारे अंगों को स्वस्थ रखती है बल्कि मानसिक और आंतरिक समस्याओं को भी ठीक करती है। मुलेठी का सेवन सही मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि इसके लाभ मिल सकें।
मुलेठी का सेवन पाउडर, काढ़ा या चाय के रूप में किया जा सकता है।
हाँ, मुलेठी का प्रभाव गर्म होता है इसीलिए इसे उचित मात्रा में ही प्रयोग करना चाहि
मुलेठी को हिंदी में “मुलेठी” और “अद्रक” भी कहते हैं।
हाँ, मुलेठी का सेवन दूध के साथ किया जा सकता है जो इसके प्रभाव को बढ़ाता है।
मुलेठी का पानी सुबह के समय खाली पेट पीना सर्वोत्तम होता है।
मुलेठी का उपयोग खांसी, पेट दर्द, सिरदर्द, बालों के रोग, आंखों के रोग, आदि में किया जाता है।
मुलेठी का अधिक सेवन करने से उच्च रक्तचाप, पाचन समस्याएं या हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
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