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विटामिन B12 की कमी: लक्षण और कारण (Vitamin B12 Deficiency Causes in Hindi)

Last updated on : 18 Nov, 2024

Read time : 9 min

विटामिन B12, जिसे कोबालामिन के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा विटामिन है जो शरीर की कोशिकाओं के लिए डीएनए और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विटामिन तंत्रिका तंत्र के स्वस्थ संचालन के लिए भी आवश्यक होता है। शरीर स्वाभाविक रूप से विटामिन B12 का उत्पादन नहीं करता है इसलिए इसे आहार या सप्लीमेंट्स के माध्यम से प्राप्त करना पड़ता है। यह जानना भी जरूरी है कि विटामिन B12 किसमें पाया जाता है क्योंकि शाकाहारी और वेगन आहार वाले लोगों को अपने आहार में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। 

विटामिन B12 की कमी से क्या होता है? (Vitamin B12 Deficiency in Hindi)

विटामिन B12 की कमी से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विटामिन B12 की कमी से क्या होता है जानने के लिए यह समझना आवश्यक है कि इसकी कमी से शरीर के विभिन्न तंत्रों पर क्या प्रभाव पड़ता है। विटामिन B12 की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन कम हो जाता है जिससे एनीमिया हो सकता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है जिससे हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन, याददाश्त की समस्याएं और मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं। इससे हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

विटामिन B12 की कमी के लक्षण (Symptoms of  Vitamin B12 Deficiency in Hindi)

विटामिन B12 की कमी के लक्षण जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि समय रहते इनका निदान और उपचार किया जा सके। निम्नलिखित लक्षण विटामिन B12 की कमी की ओर संकेत करते हैं:

  1. अत्यधिक थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और हर समय थकान बनी रहती है।
  2. सांस फूलना और चक्कर आना: शारीरिक गतिविधि करने पर सांस फूलने लगती है और अचानक से चक्कर आ सकते हैं।
  3. त्वचा का पीला या फीका पड़ना: लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से त्वचा का रंग पीला या बेजान दिखाई देता है।
  4. मूड स्विंग और अवसाद: मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालते हुए यह कमी अवसाद और मूड स्विंग का कारण बन सकती है।
  5. धुंधली दृष्टि: विटामिन B12 की कमी से दृष्टि में धुंधलापन आ सकता है।

आपको विटामिन B12 कितना मिलना चाहिए? 

विटामिन B12 की कमी से बचने के लिए इसे सही मात्रा में लेना आवश्यक है। विभिन्न आयु वर्गों और परिस्थितियों में विटामिन B12 की आवश्यकता अलग-अलग होती है।

  • वयस्कों के लिए: 2.4 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • गर्भवती महिलाओं के लिए: 2.6 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए: 2.8 माइक्रोग्राम प्रतिदिन

अगर आप शाकाहारी हैं या ऐसा आहार लेते हैं जिसमें विटामिन B12 की मात्रा कम होती है तो आपको सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता हो सकती है।

विटामिन B12 की कमी के कारण (Vitamin B12 Deficiency Causes in Hindi)

विटामिन B12 की कमी के कई कारण हो सकते हैं जिससे विटामिन B12 के लक्षण साफ-साफ शरीर पर दिखाई दे सकते हैं। निम्नलिखित कारण मुख्यतः विटामिन B12 की कमी के हो सकते हैं:

  1. शाकाहारी या वेगन आहार: विटामिन B12 मुख्य रूप से पशु स्रोतों में पाया जाता है। शाकाहारी या वेगन लोगों में इसकी कमी होने की संभावना अधिक होती है।
  2. पाचन तंत्र की समस्याएं: कुछ पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट का अल्सर या बड़ी आंत की समस्याएं विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा डालती हैं।
  3. बढ़ती उम्र : उम्र बढ़ने के साथ शरीर विटामिन B12 को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता जिससे इसकी कमी हो सकती है।
  4. पेट की सर्जरी: जिन लोगों ने पेट की सर्जरी करवाई है जैसे गैस्ट्रिक बाईपास, ऐसे लोगों को विटामिन B12 की कमी हो सकती है।
  5. लंबे समय तक दवा का सेवन: कुछ दवाएं विशेषकर एंटासिड और मेटफॉर्मिन विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं।

विटामिन B12 की कमी के जोखिम

विटामिन B12 की कमी के जोखिम निम्नलिखित लोगों में अधिक होते हैं:

  1. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग: उम्र बढ़ने के साथ शरीर विटामिन B12 को अवशोषित करने में सक्षम नहीं रह जाता है।
  2. शाकाहारी या वेगन लोग: जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है शाकाहारी आहार विटामिन B12 से रहित होता है जिससे इसकी कमी हो सकती है।
  3. पेट की सर्जरी कराने वाले लोग: पेट या आंत की सर्जरी कराने वाले लोगों में विटामिन B12 की कमी का जोखिम अधिक होता है।
  4. लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने वाले लोग: जिन लोगों को लंबे समय तक एंटासिड या मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं लेनी पड़ती हैं उन्हें विटामिन B12 की कमी हो सकती है।
  5. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं को विटामिन B12 की अधिक आवश्यकता होती है।

विटामिन B12 की कमी का इलाज (Vitamin B12 Deficiency Treatment in Hindi)

विटामिन B12 की कमी का इलाज करना बेहद जरूरी है ताकि इसके गंभीर प्रभावों से बचा जा सके। विटामिन B12 की कमी का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  1. विटामिन B12 के इंजेक्शन: अगर कमी गंभीर है तो डॉक्टर विटामिन B12 के इंजेक्शन देने की सलाह दे सकते हैं। यह तरीका तेज और प्रभावी है।
  2. विटामिन B12 की गोलियां: अगर कमी हल्की है तो डॉक्टर विटामिन B12 की गोलियों का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
  3. डाइट में बदलाव: अपने आहार में विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें जैसे मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद।

विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food Rich in Vitamin B12 in Hindi)

विटामिन B12 किसमें पाया जाता है यह जानना बेहद जरूरी है ताकि आप अपने आहार में सही खाद्य पदार्थ शामिल कर सकें। यहाँ कुछ प्रमुख विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थ दिए गए हैं:

  1. मांस: चिकन, मटन और बीफ विटामिन B12 का बेहतरीन स्रोत हैं।
  2. मछली: सैल्मन, टूना और सार्डिन जैसी मछलियों में विटामिन B12 अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
  3. अंडे: अंडे के पीले भाग में विटामिन B12 की मात्रा अधिक होती है।
  4. डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन B12 के अच्छे स्रोत होते हैं।
  5. फोर्टिफाइड अनाज: कुछ अनाज और सोया उत्पाद फोर्टिफाइड होते हैं जिनमें विटामिन B12 पाया जाता है।

विटामिन B12 की कमी के प्रभाव

विटामिन B12 की कमी के गंभीर प्रभाव हो सकते हैं जो की इस प्रकार से हैं:

  1. तंत्रिका क्षति: लंबे समय तक विटामिन B12 की कमी से तंत्रिका क्षति हो सकती है जिससे हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन हो सकता है।
  2. एनीमिया: लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से एनीमिया हो सकता है जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
  3. मानसिक विकार: विटामिन B12 की कमी से अवसाद, भ्रम और याददाश्त संबंधी  समस्याएं हो सकती हैं।
  4. हृदय रोग: विटामिन B12 की कमी से हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ सकता है।
  5. गर्भावस्था की जटिलताएं: गर्भवती महिलाओं में विटामिन B12 की कमी से शिशु के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

विटामिन B12 की कमी से बचाव ( Prevention of Vitamin B12 Deficiency in Hindi )

विटामिन B12 की कमी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. संतुलित आहार: विटामिन B12 से भरपूर आहार का सेवन करें।
  2. सप्लीमेंट्स का उपयोग: अगर आपका आहार विटामिन B12 से युक्त नहीं है तो आप सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। 
  3. नियमित चेकअप: अपने डॉक्टर से नियमित रूप से विटामिन B12 का स्तर जांचें।
  4. शाकाहारियों के लिए फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड अनाज और सोया उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

विटामिन B12 हमारे शरीर के विभिन्न तंत्रों के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे तंत्रिका क्षति, एनीमिया और मानसिक विकार। अगर आप भी विटामिन B12 की कमी के लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें और उचित इलाज शुरू करें। संतुलित आहार और सप्लीमेंट्स का सेवन करके विटामिन B12 की कमी से बचा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

आपको कैसे पता चलेगा कि आपका B12 कम है?

विटामिन B12 की कमी के लक्षण जैसे थकान, कमजोरी, हाथ-पैरों में झुनझुनी और स्मरण शक्ति की कमी से इसका पता चल सकता है।

B12 की कमी को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?

B12 की कमी को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका विटामिन B12 के इंजेक्शन हैं।

विटामिन B12 की कमी से शरीर में क्या दिक्कत होती है?

विटामिन B12 की कमी से तंत्रिका क्षति, एनीमिया और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।

विटामिन B12 की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

विटामिन B12 की सबसे अच्छी दवा डॉक्टर द्वारा सुझाई गई सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन होते हैं।

कौन सी दाल में विटामिन B12 होता है?

विटामिन B12 शाकाहारी स्रोतों में नहीं पाया जाता है लेकिन फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का उपयोग करके इसे पाया जा सकता है।

विटामिन B12 का लेवल कितना होना चाहिए?

विटामिन B12 का सामान्य स्तर 200-900 पिकोग्राम/मिलीलीटर के बीच होना चाहिए।

विटामिन B12 की गोली कब लेनी चाहिए?

विटामिन B12 की गोली का सेवन डॉक्टर की सलाह पर सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए।

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