Last updated on : 27 Jan, 2025
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माइग्रेन सिरदर्द का एक प्रकार होता है जिसे आमतौर पर सिर के एक तरफ महसूस किया जाता है। यह धुकधुकी जैसा महसूस होता है। लोग आम तौर पर माइग्रेन सिम्पटम्स को लेकर भ्रमित रहते हैं और इसे एक आम सिर दर्द की तरह मान लेते हैं । लेकिन माइग्रेन की समस्या सिर्फ एक साधारण सिर दर्द से बहुत बहुत अधिक होता है। माइग्रेन का इलाज व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग होता है और इसमें विभिन्न प्रबंधन तकनीकें शामिल हो सकती हैं। इस ब्लॉग में हम माइग्रेन के लक्षणों, कारणों, और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।
माइग्रेन एक तरह का तीव्र सिरदर्द है जो आमतौर पर सिर के एक हिस्से में धड़कता हुआ महसूस होता है। इसके साथ मतली, उल्टी, और प्रकाश या आवाज से परेशानी जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। माइग्रेन के समस्या कुछ घंटों से लेकर दिनों तक रह सकते हैं और रोजमर्रा की जिंदगी को काफी प्रभावित कर सकते हैं।
इसके सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ में नहीं आए हैं, लेकिन तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, कुछ खाद्य पदार्थ, और पर्यावरणीय कारक जैसे कई कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं। माइग्रेन का इलाज व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग होता है। दवाइयां, जीवनशैली में बदलाव, और तनाव प्रबंधन तकनीकें माइग्रेन के हमलों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
माइग्रेन एक जटिल बीमारी है और इसके कई प्रकार होते हैं। हर प्रकार के माइग्रेन के अपने विशिष्ट लक्षण और गंभीरता होती है। माइग्रेन के प्रकार को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे सही निदान और उपचार में मदद मिलती है। विभिन्न प्रकार के माइग्रेन के बारे में जानकर आप अपनी स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त उपचार योजना बना सकते हैं।
यह सबसे सामान्य प्रकार का माइग्रेन है। इसमें सिरदर्द के पहले कोई चेतावनी संकेत या ऑरा नहीं होते हैं। लक्षणों में शामिल हैं:
इस प्रकार के माइग्रेन में सिरदर्द से पहले या दौरान चेतावनी संकेत होते हैं, जिन्हें ऑरा कहा जाता है। ऑरा में दृष्टि, संवेदन, और भाषण से संबंधित लक्षण शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए:
जब किसी व्यक्ति को महीने में 15 या अधिक दिनों तक माइग्रेन के लक्षण होते हैं और इनमें से कम से कम 8 दिन माइग्रेन के होते हैं, तो इसे क्रॉनिक माइग्रेन कहा जाता है। यह अधिक गंभीर होता है और लंबे समय तक चल सकता है।
इस प्रकार के माइग्रेन में सभी लक्षण होते हैं, लेकिन सिरदर्द नहीं होता। इसमें ऑरा और अन्य माइग्रेन के लक्षण शामिल हो सकते हैं, जैसे:
यह एक दुर्लभ और गंभीर प्रकार का माइग्रेन है, जिसमें अस्थायी रूप से शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या लकवा जैसा महसूस हो सकता है। इसके लक्षण स्ट्रोक जैसे होते हैं, जैसे:
इस प्रकार के माइग्रेन में एक आंख में अस्थायी दृष्टि हानि होती है। यह लक्षण कुछ मिनटों से लेकर एक घंटे तक रह सकते हैं और इसके बाद सामान्य माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है।
यह माइग्रेन का लक्षण में सबसे गंभीर होता है , मस्तिष्क की बेसिलर आर्टरी से संबंधित होता है और इसमें मस्तिष्क के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह की समस्या होती है। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
इस स्थिति में सरदर्द की गंभीरता कम होती है। यह अक्सर बच्चो को होता है और इसमें इसमें पेट में दर्द, मतली और उल्टी जैसे माइग्रेन के लक्षण होते हैं।
यह एक गंभीर प्रकार का माइग्रेन है, जिसमें माइग्रेन का दर्द 72 घंटों से अधिक समय तक रहता है। यह स्थिति बहुत कष्टदायक हो सकती है और इसमें चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता होती है।
माइग्रेन के लक्षण कई तरह के हो सकते है और यह अलग अलग व्यक्ति में भिन्न भिन्न होते है। आइये पढ़ते है कुछ आम माइग्रेन के सिम्पटम्स या लक्षणों के बारें में:
माइग्रेन के लक्षणों में सबसे आम होता है सरदर्द। यह कुछ घंटो से लेकर कई दिनों तक भी चल सकता है। माइग्रेन की समस्या में सर की एक तरफ दर्द होता है जैसे की कुछ धुकधुक हो रहा हो। यह साधारण सरदर्द के मुकाबले भोत गंभीर होता है और कई बार सर के दोनों तरफ भी हो सकता है।
माइग्रेन के दौरान कई लोगों को मतली और उल्टी की समस्या होती है। यह लक्षण बहुत सामान्य हैं और माइग्रेन के दर्द के साथ और भी कष्टकारी हो सकते हैं।
माइग्रेन की समस्या के साथ ही मरीज को फोटोफोबिया और फोनोफोबिआ यानी प्रकाश और ध्वनि से दिक्कत होने लगती है। ऐसे मरीज ज्यादातर अँधेरे और शांत जगह पर रहना पसंद करते है।
रेटिनल माइग्रेन या दृष्टि से सम्बंधित माइग्रेन में आँखों की रोशनी पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चूँकि माइग्रेन मस्तिष्क की बीमारी है इसका आमतौर पर आँखों से जुड़ाव हो ही जाता है।
माइग्रेन का दौरा थकान और कमजोरी का कारण बन सकता है, जिससे सामान्य गतिविधियों में कठिनाई होती है। माइग्रेन के बाद भी व्यक्ति को कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान चक्कर आने का अनुभव भी होता है। यह लक्षण माइग्रेन (migraine symptoms in hindi) के दर्द को और अधिक कष्टदायक बना सकता है।
माइग्रेन के साथ-साथ गर्दन में दर्द और जकड़न भी हो सकती है। यह लक्षण माइग्रेन के दर्द को और अधिक कष्टदायक बना सकता है।
कभी-कभी माइग्रेन के दौरान हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण आमतौर पर अस्थायी होते हैं और माइग्रेन के समाप्त होने पर ठीक हो जाते हैं।
माइग्रेन का एक प्रमुख कारण आनुवंशिक होता है। यदि परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आपको भी माइग्रेन हो सकता है। शोध से पता चला है कि माइग्रेन के मरीजों के परिवारों में माइग्रेन की घटना अधिक होती है।
माइग्रेन के दौरान मस्तिष्क में रासायनिक और रक्त संचार संबंधी परिवर्तन होते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि माइग्रेन के हमले के दौरान मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं संकुचित होती और जिससे न्यूरोट्रांसमीटर (जैसे सेरोटोनिन) का स्तर बदल जाता है।
महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन का एक सामान्य कारण होता है। मासिक धर्म, गर्भावस्था, और रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। कई महिलाएं मासिक धर्म के दौरान माइग्रेन का अनुभव करती हैं, जिसे “मेनस्ट्रुअल माइग्रेन” कहा जाता है।
मानसिक तनाव और चिंता भी माइग्रेन का एक बड़ा कारण हो सकते हैं। जीवन में तनावपूर्ण घटनाएं, काम का दबाव, या व्यक्तिगत समस्याएँ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं।
कुछ खाद्य पदार्थ और पेय माइग्रेन के ट्रिगर हो सकते हैं। जैसे:
इसके अलावा, भोजन छोड़ना या अनियमित भोजन की आदतें भी माइग्रेन का कारण बन सकती हैं।
अधिक या कम सोना, नींद की कमी, या अनियमित नींद के पैटर्न माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं। नियमित और पर्याप्त नींद माइग्रेन के हमलों को कम करने में सहायक हो सकती है।
मौसम में बदलाव, तेज रोशनी, तेज आवाज, और तेज गंधें माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं। उच्च तापमान, नमी, और वायुमंडलीय दबाव में बदलाव भी माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं।
अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या अचानक शारीरिक मेहनत माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। व्यायाम या शारीरिक श्रम के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन माइग्रेन का कारण बन सकते हैं।
माइग्रेन एक जटिल स्वास्थ्य समस्या है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि, दवाइयों, जीवनशैली में बदलाव और अन्य उपचारों के संयोजन से माइग्रेन के सिम्पटम्स को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। माइग्रेन के इलाज के विषय में कुछ मुख्य बिंदु निचे सूचीबद्ध है :-
माइग्रेन क्या है ? इसका उत्तर सरल है लेकिन प्रभाव काफी गंभीर। यह सिर्फ एक तीव्र सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी प्रभावित कर सकता है। इसके कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं:
हालांकि माइग्रेन के इलाज के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
माइग्रेन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षणों, कारणों की माइग्रेन क्यों होता है ? और निवारण के उपायों की समझ से इसे बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। माइग्रेन के प्रति सजग रहना और उचित चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी है ताकि जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
माइग्रेन की समस्या कि शुरुआत अक्सर तनाव, हार्मोनल बदलाव, कुछ खाद्य पदार्थों से या पर्यावरणीय कारकों से हो सकती है। मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं में होने वाले परिवर्तन भी माइग्रेन के सिम्पटम्स में शामिल होते है ।
माइग्रेन किसी एक विशेष पोषक तत्व की कमी से नहीं होता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है की मैग्नेसियम और विटामिन डी की कमी माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकते है।
माइग्रेन का दर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ धड़कता हुआ महसूस होता है। यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है और माइग्रेन के लक्षण कई घंटो तक रह सकता है।
माइग्रेन की समस्या आमतौर पर जानलेवा नहीं होती है। हालांकि, यह दैनिक जीवन में बाधा डाल सकता है और व्यक्ति की उत्पादकता को कम कर सकता है।
माइग्रेन का उपाय व्यक्ति के अनुसार अलग-अलग होता है। दवाएं, जीवनशैली में बदलाव और तनाव प्रबंधन को नियंत्रित करके माइग्रेन का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
माइग्रेन में मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं संकुचित और फैल जाती हैं। इससे सूजन और दर्द होता है।
नहीं, माइग्रेन आमतौर पर जानलेवा नहीं होता है।
माइग्रेन को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के संयोजन से माइग्रेन के हमलों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
माइग्रेन का निदान आमतौर पर एक विस्तृत चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर किया जाता है। कभी-कभी, अतिरिक्त परीक्षण जैसे कि सीटी स्कैन या एमआरआई भी किए जा सकते हैं।
माइग्रेन के लक्षणों को ट्रिगर करना अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य ट्रिगर्स में चॉकलेट, शराब का सेवन , पनीर, और कुछ संरक्षक शामिल हैं।
सिरदर्द और माइग्रेन, दोनों ही सिर में दर्द का कारण बनते हैं लेकिन इनमें कई अंतर होते हैं। सिरदर्द आमतौर पर पूरे सिर में होता है जिसमें तनाव, थकान या निर्जलीकरण जैसी सामान्य स्थितियों के कारण होता है। जबकि माइग्रेन लक्षण में सबसे आम होता है तीव्रता से उठने वाला सरदर्द सिर के एक हिस्से में होता है। इसमें मतली, उल्टी, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसे अन्य लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।
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