Last updated on : 26 Dec, 2024
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अस्थमा एक गंभीर सांस की बीमारी है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के हर आयु वर्ग को प्रभावित कर सकती है। अस्थमा के लक्षणों को पहचानना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह एक ऐसी दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के वायुमार्ग (एयरवे) सूज जाते हैं और सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके कारण व्यक्ति को सामान्य जीवन जीने में बाधा महसूस हो सकती है।
यदि अस्थमा का समय रहते इलाज और देखभाल न की जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इस ब्लॉग में हम अस्थमा क्या है, इसके विभिन्न प्रकार, लक्षण, कारण और उपचार के साथ-साथ इसे रोकने के उपायों की चर्चा विस्तार से करेंगे।
अस्थमा एक श्वसन तंत्र विकार है जिसमें वायुमार्ग सूज जाते हैं और बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है। इस स्थिति में श्वसन प्रणाली के एयरवे संकुचित हो जाते हैं जिससे हवा के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। यह समस्या कभी-कभी हल्की होती है और दवाओं से ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप ले सकती है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। अस्थमा के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों को यह केवल मौसम बदलने या एलर्जी के कारण होता है जबकि कुछ लोगों को इसके गंभीर और लगातार अटैक आते हैं।
अस्थमा को विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है जो इसके लक्षणों और कारणों के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
इस प्रकार के अस्थमा में लक्षण अस्थायी और हल्के होते हैं। आमतौर पर यह लंबे अंतराल पर होता है और व्यक्ति को अधिक परेशानी नहीं देता। इसे सही देखभाल और नियमित दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
यह अस्थमा का गंभीर रूप है जिसमें लक्षण नियमित रूप से होते हैं। इसमें व्यक्ति को हर दिन सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और शारीरिक गतिविधि भी प्रभावित हो सकती है। यह हल्के, मध्यम और गंभीर तीन उप-श्रेणियों में आता है।
यह अस्थमा तब होता है जब व्यक्ति को किसी विशेष एलर्जी जैसे धूल, परागकण, या जानवरों के बालों से परेशानी होती है। यह अधिकतर बच्चों और किशोरों में देखा जाता है।
यह अस्थमा बाहरी एलर्जी के बजाय ठंड, व्यायाम, तनाव या हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
अस्थमा के लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है ताकि इसे शुरुआती चरण में ही नियंत्रित किया जा सके। इसके सामान्य लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
अस्थमा के कारणों को समझने से इसके रोक-थाम में मदद मिल सकती है। इसके सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
अस्थमा का सटीक निदान करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित जांच करते हैं:
अस्थमा का इलाज विभिन्न तरीकों जैसे दवाओं, लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपायों के जरिए किया जाता है।
अस्थमा के लिए कुछ घरेलू उपाय भी कारगर हो सकते हैं।
अस्थमा का घरेलू इलाज कुछ प्राकृतिक सामग्रियों की मदद से किया जा सकता है लेकिन यह घरेलू नुस्खे सिर्फ तभी काम में आ सकते हैं जब अस्थमा के लक्षण सामान्य रूप से कम हो। अगर लक्षण तीव्र हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। अस्थमा के इलाज के लिए निम्नलिखित घरेलू तरीके काम में आ सकते हैं:
अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं। इसे चाय में डालकर सेवन करने से फेफड़ों को आराम मिलता है।
लहसुन का सेवन भी फेफड़ों की सूजन को कम करने में सहायक होता है। लहसुन फेफड़ों से बलगम साफ करने में मदद करता है। इसे कच्चा या पका कर खाया जा सकता है।
नींबू में विटामिन सी और शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इनका मिश्रण अस्थमा को नियंत्रित करता है।
तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से भी अस्थमा के लक्षणों में राहत मिलती है। इसे चाय या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।
स्टीम इनहेलेशन फेफड़ों को खोलने और बलगम को ढीला करने में मदद करता है जिससे नाक और वायुमार्ग में जमा बलगम निकल जाता है।
किसी भी बीमारी को नष्ट करने के लिए या कम करने के लिए परहेज अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। अस्थमा के मरीजों को भी परहेज की आवश्यकता होती है। अस्थमा में निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए:
अस्थमा को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं महसूस हो रही हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
अस्थमा एक दीर्घकालिक लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। इसके लक्षणों को पहचानना, कारणों को समझना और सही समय पर उपचार करना आवश्यक है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और दवाओं का सही उपयोग करके अस्थमा के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है और यदि इसके लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
अस्थमा एलर्जी, प्रदूषण या वंशानुगत कारणों से हो सकता है।
नहीं, लेकिन इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है।
अस्थमा और दमा एक ही स्थिति के दो अलग-अलग नाम हैं।
इंटरमिटेंट अस्थमा, लगातार अस्थमा और एलर्जिक अस्थमा।
स्पाइरोमेट्री और पीक फ्लो मीटर टेस्ट से।
घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं लेकिन दवा भी जरूरी होती है।
वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं जिससे सांस लेने में परेशानी होती है।
इन्हेलर का उपयोग करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
वायुमार्ग में बलगम भरने के कारण।
अस्थमा पूरी तरह ठीक नहीं होता लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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